॥ श्री हरि स्तोत्रम् ॥

श्री हरि स्तोत्रम्

॥ श्री हरि स्तोत्रम् ॥ जगज्जालपालं चलत्कण्ठमालं शरच्चन्द्रभालं महादैत्यकालं नभोनीलकायं दुरावारमायं सुपद्मासहायम् भजेऽहं भजेऽहं॥1॥ सदाम्भोधिवासं गलत्पुष्पहासं जगत्सन्निवासं शतादित्यभासं गदाचक्रशस्त्रं लसत्पीतवस्त्रं हसच्चारुवक्त्रं भजेऽहं भजेऽहं॥2॥ रमाकण्ठहारं श्रुतिव्रातसारं जलान्तर्विहारं धराभारहारं चिदानन्दरूपं मनोज्ञस्वरूपं ध्रुतानेकरूपं भजेऽहं भजेऽहं॥3॥ जराजन्महीनं परानन्दपीनं समाधानलीनं …

निर्वाण षट्कम्

nirvana shatakam

निर्वाण षट्कम् या आत्मषट्कम् जो भी बोलो किन्तु क्या आप जानते हैं कि यह क्या है और इसकी रचना किसने की है। यदि नहीं जानते है तो इस लेख में आपको इसकी सम्पूर्ण जानकारी मिलेगी तो …

हनुमान चालीसा

hanuman chalisha

दोहा श्रीगुरु चरन सरोज रज, निजमन मुकुरु सुधारि। बरनउं रघुबर बिमल जसु,जो दायक फल चारि।। बुद्धिहीन तनु जानिके,सुमिरौं पवन-कुमार। बल बुधि बिद्या देहु मोहिं,हरहु कलेस बिकार।। चौपाई जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुंलोक …

तुंगनाथ यात्रा

tungnath

भगवान शिव के पांच केदार मंदिरों में से एक केदार मंदिर हैं तुंगनाथ जो उत्तराखंड के चोपता गाँव में स्तिथ है। यहाँ का इतिहास क्या हैं और आप यहाँ तक कैसे जा सकते है ये …